subodh

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Thursday 25 September 2014

10 . पैसा बोलता है ...

हम कारण और  परिणाम की दुनिया में रहते है जो कुछ करते है उसके पीछे कोई न कोई  कारण होता है और उस  कारण की वजह से हम कार्य करते है .ज़ाहिर सी बात है किये हुए कार्य का परिणाम भी मिलेगा .
आपकी कंडीशनिंग आपके विचारों को पैदा करती है ,आपके विचार आपकी भावनाओं को , भावनाएं कार्य और कार्य परिणामों को .
अगर आपको अपनी कंडीशनिंग बदलनी है तो पहले स्वयं में स्वीकृति  पैदा करें कि " हाँ ,मुझमें  ये गलत कंडीशनिंग हुई है"
 कब हुई , कहाँ से हुई ,कैसे हुई ,क्यों हुई इन सब की विस्तृत डिटेल तैयार करें
जब आपको ये पता चल जाता है कि  सोचने का वर्तमान तरीका आपका स्वयं का नहीं है बल्कि किसी और का है तो अब आप चुनाव कर सकते है कि  आगे इसी तरीके से सोचना जारी रखा जाए या और कोई नया तरीका अपनाया जाए .
जब आप ये सब स्थिति समझ लेवे तब आप स्वयं को नए सिरे से रि -कंडिशन कर सकते है -- जो आपका खुद का सोचने का तरीका होगा ,अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी जरूरत के अनुसार आप अब खुद के नियम बना सकते है .
- सुबोध 

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